Friday 27 April 2012

"राजनीति में ईमान बिक गया"


"राजनीति में ईमान बिक गया"

"राम" नाम का जाप है
किन्तु घर के "लक्ष्मण'
का दामन ही न साफ़ है
फिर भी दावा है
खिलाएंगे "कमल" क्यूंकि
भ्रष्टाचार में डूबा "हाथ" है
भ्रष्टाचार में डूबा "हाथ" है!!!!!

वाह-वाह क्या राजनीतिक  मिजाज़ है
मेरे भारत देश का
जहाँ सरकारों की निष्ठां ही नापाक है
आम-आदमी भूखा-नंगा हो रो रहा
पर कहने को यहाँ
लोकतंत्र का राज है
लोकतंत्र का राज है....

सत्येन्द्र "सत्या"

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