Monday 12 December 2011

मै सौ बरस की !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


मै सौ बरस की !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

मै इठलाती चली फुर्राती चली!
हँसती चली हँसाती चली !
अपनी जवानी पर इतराती चली!
मुझसे लोग दिल लगाते गए !
मै उन्हें बसाती गयी, बसाती गयी !
घोड़े के रथ से मेट्रो और बस तक !
मेरे अपने निखारते गए मै निखरती गयी!
अब black - white से रंगीन हो गई हूँ !
भारत के विकाश की मशीन हो गई हूँ !

आज शुक्रगुज़ार हूँ उनका (दिल्ली वाशियों का )!
जिन्नोहने ने अपनी मेहनत से मुझे सींचा !
दुःख में रोने को कन्धा दिया, सुख में संग हँसे !
उनकी दया से मेरे विरासत को आज सदी हो गए !


उनकी दया से मेरे विरासत को आज सदी हो गए.................................................................


                                                                                                                      सत्येन्द्र "सत्या"

No comments:

Post a Comment