Wednesday 7 December 2011

इंतजार है एक दिन तो तू चली आएगी.........................


इंतजार है एक दिन तो तू चली आएगी.........................

मन के पागल किरणों की ज्योति कहीं खो सी गयी है !
नैनो की सुंदरता भी ओझल हो सी गयी है !
और जीकर भी बेचैन है दिल मेरा तेरी बातों में !
विरह व्यथा के गीत गा रहा हूँ बस तेरी यादों में !

इंतजार है एक दिन तो तू चली आएगी !
मेरे चंचल शब्दों पर अपने कलम से मोहर लगाएगी !
मेरे इन प्यासी आँखों को अपना दर्पण दिखलाएगी !
जीवन के अंधियारे पथ पर प्रेम के दीप जलाएगी !
इंतजार है एक दिन तो तू चली आएगी !

जब रह रहकर सन्नाटे में शोर सुनाई देता है !
तितलियों के आगे फूलों का रस कम होने लगता है !
जब कोयल कुक लगाती है !
सूरज की लाली छाती है !
जब दिल की बात दिल में !
न रहकर ओठों पे आ जाती है !
तब हर जगह तस्वीर तुम्हारी दिखती है !

जी रहा सत्येन्द्र "सत्या" बस अब तेरे ही इंतजार में
की एक दिन तो तू चली आएगी !
की एक दिन तो तू चली आएगी.................................................

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