धोनी "कप तान" दो

मुश्किलों को टालकर
धोनी अब दे दना दन
बल्ले से बॉल पर
विराट विक्राल है
युवराज तैयार है
शिखर भुजाएं खोलता
रविन्द्र प्रलय को बेक़रार है
संग्राम शौर्यता का प्रहार है
उमंग दे मलंग दे
जीत को तरंग दे
विश्व के भूगोल पर
तिरंगा ललकार कर
ये खेल है प्रचंड
आँख आँख में ठसन
रण के मैदान से
दुश्मनो को पछाड़कर
अपने हौसले को उड़ान दे
अमूल्य है अतुल्य है
तू भारतीय का भव्य ग़ुरुर है
इतिहास तेरी शक्ति पहचानता
आज वर्तमान को तू एक इम्तिहान दे
शान से अभिमान से
फिर एक बार तू
लड़ जा जहाँ से
ट्वेंटी ट्वेंटी के घमासान को
विजय का मशाल दे
विजय का मशाल दे
सोच को संवार दे
मुश्किलों को टालकर
सत्या "नादाँ"
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